शनिवार की देर रात तक हुई बारिश से जहां मौसम पूरी तरह सुहाना हो गया वहीं बारिश व ओलावृष्टि से किसानों की फसलों को भी नुकसान पहुंचा है। वहीं गेहूं काट रहे किसानों के चेहरों पर भी चिंता बढ गयी है। तेज हवाओं व बारिश के चलते की आम की फसल को भी नुकसान होने की आशंका है। रविवार को तेज धूप भी निकली लेकिन समय-समय पर आसमान में बादलों की आवाजाही देखकर किसान चिंतित नजर आए। वहीं बारिश के चलते शहर में कई स्थानों पर फिसलन भी पैदा हो गयी है।
जानकारी के अनुसार वैसे तो मार्च माह में गर्मी का मौसम शुरू हो जाता है लेकिन पहाडों पर हो रही बारिश व बर्फबारी के चलते मार्च माह में गर्मी का असर कम ही देखने को मिला था लेकिन अप्रैल का महीना शुरू होते ही लोगों को गर्मी का अहसास होने लगा था, कई घरों में तो पंखे चलने शुरू हो गए हैं। दो-तीन दिन से आसमान में बादल से छाए रहने से लोगों को बारिश की आशंका होने लगी थी जो शनिवार की दोपहर बाद सच साबित हुई। शाम होते ही आसमान में काले बादल छाने लगे और तेज हवाएं भी चलनी शुरू हो गयी। थोडी ही देर में तेज बारिश व ओलावृष्टि होने लगी। बारिश में सबसे ज्यादा परेशानी लाॅक डाउन के दौरान विभिन्न स्थानों पर तैनात पुलिसकर्मियों को उठानी पडी, उन्होंने दुकानों के बाहर बने छज्जों के नीचे बैठकर बारिश से बचाव किया। दूसरी ओर बारिश व ओलावृष्टि से गेहूं की कटाई में जुटे किसानों के सामने मुसीबत खडी हो गयी, उन्होने किसी प्रकार काटी गयी अपनी फसल को बचाया, वहीं बारिश व ओलावृष्टि से किसानों की सब्जी की फसल को भी काफी नुकसान पहुंचा, खेतों में पानी भर जाने से सब्जी उत्पादक किसानों के चेहरों पर चिंता की लकीरें साफ दिखाई दी। यही नहीं तेज हवाओं व बारिश से आम की फसल को भी नुकसान होने की संभावना बढ गयी है, पेडों पर लगे बौर झड गए हैं। आम उत्पादक किसानों का कहना है कि बारिश से उन्हें काफी नुकसान उठाना पडा है। अगर और ज्यादा बारिश हुई तो उन्हें भारी नुकसान झेलना पड सकता है। रविवार को हालांकि मौसम साफ रहा और धूप भी निकली लेकिन बीच-बीच में आसमान में बादल छाए देखकर किसानों की चिंता बढ गयी है। दूसरी ओर बारिश के चलते शहर में कई स्थानों पर जलभराव व फिसलन पैदा हो गयी। लाॅक डाउन के चलते सुबह के समय मिली छूट में बाजार पहुंचे लोगों को फिसलन से ही गुजरना पडा।