सुबह व रात को पूरा परिवार देखता है रामायण
बुजुर्ग बच्चों को दे रहे हैं रामायण से संस्कार लेने की सीख
शामली। कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए लागू किए गए लाॅक डाउन में लोग अपने-अपने घरों में ही रहे, इसके लिए सरकार द्वारा धार्मिक के साथ-साथ कई मनोरंजक टीवी सीरियल भी प्रारंभ कराए गए हैं, इनमें श्रीराम के जीवन चरित्र पर आधारित रामायण भी शामिल हैं। रामायण सीरियल का इतना क्रेज बना हुआ है कि लोग महाभारत के बजाय रामायण को ज्यादा महत्व दे रहे हैं। आलम यह है कि महिलाएं व पुरुष घरेलू काम बीच में ही छोडकर रामायण देखने बैठ जाते हैं। परिवार में मौजूद बुजुर्ग अपने बच्चों व नाते पौतियों को रामायण से संस्कार ग्रहण करने की सीख दे रहे हैं। जानकारी के अनुसार देश में कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते पीएम मोदी द्वारा देश में लाॅक डाउन घोषित किया गया है, इसमें किसी भी व्यक्ति को घर से बाहर निकलने की इजाजत नहीं दी गयी है। लोग घरों में रहे, इसके लिए सरकार द्वारा धार्मिक टीवी सीरियल रामायण व महाभारत सहित कई मनोरंजक टीवी सीरियल प्रारंभ किए हैं। रामायण का पुनः प्रारंभ होने से लोगों में भी उत्साह बढ गया था। करीब 32 साल बाद भी लोगों में रामायण सीरियल का जबरदस्त क्रेज है, रामायण ने टीवी पर दिखाए जा रहे महाभारत को काफी पीछे छोड दिया है। रामायण का आलम यह है कि घर में मौजूद बुजुर्ग महिलाएं व पुरुष अपने परिवार के साथ रामायण देखने बैठ जाते हैं, वहीं रसोई में काम कर रही महिलाएं भी अपने काम छोडकर रामायण का आनंद उठाती है। बडे बुजुर्ग अपने नाती पौतियों को भी रामायण सीरियल देखने के लिए प्रेरित करते हुए उन्हें श्रीराम के आदर्श व उनके संस्कार जीवन में ग्रहण करने की सीख दे रहे हैं जिसका बच्चों पर भी काफी असर पड रहा है। कई बच्चों में भी रामायण देखने की ललक पैदा हो गयी है और वे भी सुबह व रात को अपने परिजनों के साथ रामायण देख रहे हंै।
67 वर्षीय बुजुर्ग महिला संतोष ने बताया कि रामायण हमारे जीवन से जुड गयी है, यह हमें अच्छी शिक्षा देती है, वे अपने पोते पोतियों को भी रामायण देखने के लिए प्रेरित कर रही हैं। वहीं उनके पति 70 वर्षीय रामपाल कहते हैं कि रामायण का आज भी उतना ही क्रेज है जितना 32 साल पहले हुआ करता था। जब रामायण आती थी तब सडकों पर सन्नाटा सा पसर जाता था, लोग अपने काम धंधे छोडकर रामायण देखते थे। सरकार ने महाभारत सीरियल भी शुरू कराया है लेकिन रामायण महाभारत पर हावी हो गयी है।
38 वर्षीय संजीव ने बताया कि उन्हें रामायण के आने का इंतजार रहता है। सुबह व रात को जैसे ही रामायण शुरू होती है वे वे अपने माता-पिता, पत्नी व बच्चों के साथ बैठकर उसका आनंद उठाते हैं। उनका कहना है कि हालांकि उनका परिवार महाभारत भी देखता है लेकिन जो बात रामायण में है वह महाभारत में नहीं है। रामायण जैसा सीरियल दोबारा कभी नहीं बन सकता। यह हमारे अंदर अच्छे संस्कार व बडे बुजुर्गों की हर बात का पालन करने की सीख देती है।
14 वर्षीय शुभम ने बताया कि पहले तो उन्हें रामायण सीरियल में आनंद नहीं आया लेकिन जब उन्होंने सूर्पनखा वाला दृश्य देखा तो उनमंे रामायण देखने की उत्सुकता बन गयी, अब वे रोज दिन में दो बार रामायण जरूर देखते हैं। रामायण बहुत अच्छा सीरियल है, हमारे माता-पिता भी रामायण से सीख लेने की शिक्षा देते हैं ताकि उनमें अच्छे संस्कार पैदा हो।