बुधवार को हनुमान जयंती का पर्व सादगीपूर्वक ढंग से मनाया गया। इस अवसर पर शहर के मंदिर हनुमान टीला हनुमान धाम पर बाबा की विशेष आरती का आयोजन कर 56 भोग व सवामणि का भोग अर्पित किया गया। हालांकि कुछ समय बाद मंदिर के कपाट को बंद कर दिया गया। वहीं हनुमान जयंती पर मंदिर के बंद रहने से श्रद्धालुओं को मायूसी झेलनी पडी। लाॅक डाउन के कारण मंदिरों में कोई धार्मिक आयोजन भी नहीं किए गए।
जानकारी के अनुसार कोरोना वायरस के चलते लागू किए लाॅक डाउन का असर मंदिरों पर भी साफ नजर आ रहा है। मंदिरों के बंद होने से श्रद्धालुओं को पर्व भी घरांे पर ही मनाने पड रहे हैं। इससे पूर्व दुर्गाष्टमी व रामनवमी पर भी मंदिरों के कपाट बंद रहने से श्रद्धालुओं को मायूसी का सामना करना पडा था। बुधवार को बाबा बजरंग बली की जयंती भी लाॅक डाउन का असर साफ नजर आया। जिलेभर में हनुमान जयंती का पर्व बेहद सादगीपूर्ण तरीके से मनाया गया। शहर के मंदिर हनुमान टीला हनुमान धाम स्थित बाबा बजरंग बली के मंदिर को कुछ समय के लिए खोला गया जहां पुजारियों ने बाबा की विशेष आरती करने के साथ-साथ उन्हें 56 भोग व सवामणि भोग अर्पित कर देश में छाए इस संकट से निजात दिलाने की प्रार्थना की गयी। हालांकि कुछ समय बाद मंदिर के कपाट को बंद कर दिया गया। इस दौरान कोई भी धार्मिक आयोजन नहीं किया गया। सुबह के समय कुछ श्रद्धालु बाबा की पूजा अर्चना के लिए जरूर पहुंचे लेकिन मंदिर के बंद होने पर उन्हें मायूसी झेलनी पडी और वे वापस घरों को लौट गए। दूसरी ओर अन्य मंदिरांे के भी पूरी तरह बंद होने से हनुमान जयंती पर कोई भी धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया गया। गौरतलब है कि हनुमान जयंती का पूर्व जिलेभर मंे पूरे उल्लास एवं भक्ति भावना के साथ मनाया जाता है, इस दिन कई स्थानों पर बाबा बजरंग बली के जागरण का भी आयोजन किया जाता है जिसमें हजारों की संख्या में लोग भाग लेते हैं लेकिन इस बार कोरोना वायरस ने श्रद्धालुओं में मायूसी पैदा कर दी है। लाॅक डाउन के कारण हनुमान धाम सहित सभी मंदिर पूरी तरह बंद है।